पेट में एसिड का निर्माण? आयुर्वेद के 5 नुस्खे,खट्टी डकार-गैस मे देगी नाराज़गी से तुरंत राहत
दूध या नमक वाली मछली
पेट में अधिक पित्त बनने का कारण ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन है, जो एक दूसरे के साथ असंगत हैं।
गलत फूड कॉम्बिनेशन से न केवल हाइपरएसिडिटी बल्कि कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
बासी भोजन
बासी खाना आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और इससे एसिडिटी या फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
खाना स्किप करना भी पित्त का एक कारण है
खाने की गलत आदतें जैसे अनियमित भोजन करना, भोजन न करना और
मसालेदार, तैलीय और फास्ट फूड खाने से एसिडिटी हो सकती है।
आपको रात में इन चीजों को खाने से बचना चाहिए।
बियर या शराब
अगर आप बीयर या वाइन पीने के शौकीन हैं तो आपको इस आदत को थोड़ा सुधार लेना चाहिए।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि आप बहुत अधिक बीयर या वाइन का सेवन करते हैं, तो आपको एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
डिब्बाबंद या जमे हुए खाद्य पदार्थ
यदि आप पैकेज्ड या फ्रोजन फूड के बार-बार खाने वालों में से एक हैं, तो आपको ऐसा करने से बचना चाहिए।
इन चीजों से पेट में गैस हो सकती है और एसिड का उत्पादन बढ़ सकता है।
अति अम्लता से बचने के उपाय
डॉ. अंकित के अनुसार, पित्त दोष का उचित पाचन और रखरखाव आपको एसिडिटी, गैस्ट्राइटिस और सूजन से राहत देता है।
इसके लिए आपको मसालेदार भोजन से बचना चाहिए, अधिक फलों और सब्जियों का सेवन करना चाहिए
पर्याप्त पानी पीना चाहिए, समय पर खाना चाहिए, भोजन छोड़ना नहीं चाहिए और खाली पेट कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।