इन बातों को अच्छी तरह जान लें वरना करोड़पति से कंगाल बन जाएंगे
अन्यायोपार्जितं वित्तं दशवर्षाणि तिष्ठति प्राप्ते चैकादशे वर्षे समूलं तद् विनश्यति..चाणक्य के अनुसार इस श्लोक से उनका तात्पर्य चोरी, जुआ, अन्याय और कपट जैसे बुरे कर्म करके धन कमाने वाले से है
इनके पास लक्ष्मी आ जाएं तो शीघ्रता होती है, इन्हें अपार धन की भी प्राप्ति होती है, लेकिन धन का नाश होने में समय नहीं लगता।
ऐसे में चाणक्य कहते हैं कि किसी को धोखा देकर और चोट पहुंचाकर कमाया हुआ पैसा आपके पास ज्यादा समय तक नहीं रहता और
आपको गरीब बना देता है। ऐसे में ऐसी गतिविधियों के जरिए अमीर बनने की कोशिश न करें।
आत्मापराधवृक्षस्य फलान्येतानि देहिनाम् .
दारिद्रयरोग दुःखानि बन्धनव्यसनानि च चाणक्य के अनुसार बुरे कर्म करने वालों को भी बुरे फल मिलते हैं। ऐसे में यदि आप मां लक्ष्मी के वरदानों के योग्य बनना चाहते हैं तो
आपको अच्छे कर्म करने चाहिए, धन का बुद्धिमानी से उपयोग करना चाहिए और साथ ही झूठ बोलने और दूसरों को नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए।
धनहीनो न च हीनश्च धनिक स सुनिश्चयःविद्या रत्नेन हीनो यः स हीनः सर्ववस्तुषुआचार्य चाणक्य के अनुसार धन और निर्धनता एक अवस्था है, ऐसे में
धनी होते हुए दूसरों को गरीब समझने की गलती नहीं करनी चाहिए। साथ ही विद्वान व्यक्ति को कभी भी उसे गरीब समझने की भूल नहीं करनी चाहिए और
न ही उसका अपमान करना चाहिए। चाणक्य के अनुसार धन से अधिक ज्ञान मनुष्य को धनवान बनाता है।
यह संपत्ति हमेशा किसी भी इंसान के पास रहती है। ऐसे व्यक्ति का समाज में हमेशा सम्मान होता है।
उसे कभी धन की कमी नहीं होती। ऐसी स्थिति में ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान दें।