चाणक्य नीति,पैसा कमाने की होड़ में कभी न खोएं ये तीन खास चीजें, ये हैं पैसे से भी ज्यादा कीमती
प्यार के आगे सब कुछ बेकार है
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन को प्यार की उतनी ही जरूरत है, जितनी पैसे की। दोनों ही जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
कोई पैसे के पीछे अपना परिवार छोड़ देता है तो कोई प्यार के लिए अपनी दौलत छोड़ देता है।
लेकिन पैसे के लिए प्यार छोड़ना मूर्खता है। क्योंकि प्यार के आगे पैसा कुछ भी नहीं है।
पैसों को कभी भी रिश्ते के बीच में नहीं लाना चाहिए। क्योंकि इंसान कितना भी अमीर क्यों न हो, प्यार कभी खरीदा नहीं जा सकता।
धर्म पैसे से बड़ा है
आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य जिस भी धर्म को मानता है, उसे हमेशा अपने धर्म को धन से ऊपर रखना चाहिए।
क्योंकि धर्म इंसान को सही गलत का पता लगाना सिखाता है।
यदि कोई व्यक्ति धन कमाने की चाह में धर्म का परित्याग कर देता है तो समाज में उसकी प्रतिष्ठा समाप्त हो जाती है।
ऐसा व्यक्ति बिना धर्म के शीघ्र ही एक बुरे रास्ते पर चल पड़ता है और अपने जीवन को तबाह कर देता है।
स्वाभिमान कभी न छोड़ें
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति अपने स्वाभिमान से जाना जाना चाहता है।
मेहनत से पैसा फिर से कमाया जा सकता है, लेकिन एक बार स्वाभिमान खो देने के बाद उसे वापस पाना बहुत मुश्किल होता है।
स्वाभिमान के लिए पैसे की कुर्बानी भी देनी पड़े तो भी पीछे नहीं हटना चाहिए।