इन लोगों से दोस्ती भूल कर भी न करे दोस्ती नहीं तो जीवन बर्बाद हो जाएगा
मूर्ख शिष्य से दूरी
वैसे तो गुरु और शिष्य का रिश्ता बहुत ही पवित्र और अटूट होता है। लेकिन आचार्य चाणक्य का कहना है कि
अगर गुरु को मूर्ख शिष्य मिल गया हो तो उससे दूरी बनाने में ही फायदा है।
क्योंकि गुरु कितना भी ज्ञानी क्यों न हो, मूर्ख शिष्य ज्ञान को मिट्टी में मिला सकता है।
मूर्ख शिष्य के कारण गुरु को कई बार लज्जित होना पड़ता है, इसलिए उससे दूर ही रहना ही श्रेयस्कर है।
नकारात्मक लोगों से दूरी
आचार्य चाणक्य का मानना है कि खुश रहने वाले व्यक्ति के आसपास का वातावरण बहुत सकारात्मक होता है।
जबकि दुखी लोग अपने आस-पास के पूरे वातावरण को दुखी रखते हैं। ऐसे लोगों के पास आने से ही नकारात्मकता आती है,
इसलिए इनसे दूर ही रहना चाहिए। यह आपके जीवन को निराशा की ओर धकेल सकता है।
संस्कृतिविहीन महिला से दूरी
चाणक्य नीति के अनुसार चरित्रवान, सुसंस्कृत और शिक्षित महिला ही लोगों में अच्छा ज्ञान देती है।
ऐसी महिलाएं अपने साथ पति और परिवार को हमेशा खुश रखती हैं।
जबकि संस्कृतिविहीन और झगड़ालू महिलाएं दूसरों के जीवन में समस्याएं लेकर आती हैं। ऐसी महिलाओं से दूर ही रहना चाहिए।