पैसा या सोना नहीं, यही है इंसान की असली दौलत, जानिए क्या कहती है चाणक्य नीति
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को इस बात की जानकारी होती है कि उसे जीवन में किस चीज की सबसे ज्यादा जरूरत है।
व्यक्ति का ज्ञान और उसकी इच्छा शक्ति उसकी सबसे बड़ी संपत्ति है, जो उसे जीवन की हर कठिनाई को दूर करने में मदद करती है।
जिसके पास ज्ञान और इच्छाशक्ति का धन है, वह बलवान है, जीवन में किसी भी कठिनाई का सामना करने पर वह हार नहीं मानता।
बुद्धिमान व्यक्ति की कीर्ति सुगन्धित फूल की तरह जहाँ भी जाती है फैल जाती है।
एक बुद्धिमान व्यक्ति खुद को अच्छे काम में लगाता है और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग कभी भी बुरे लोगों की संगति में नहीं होते हैं।
वास्तविक ज्ञान वाला व्यक्ति कोई भी बड़ी सफलता प्राप्त करने के बाद भी गर्व नहीं करता है।
दूसरी ओर, अज्ञानी आसानी से आसक्ति, लोभ और क्रोध जैसे दोषों के जाल में फँस जाता है।
चाणक्य के दर्शन के अनुसार किसी भी समय, कहीं से भी ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। ज्ञान प्राप्त करने की कोई निश्चित आयु नहीं होती।
इंसान को हमेशा कुछ न कुछ सीखना चाहिए ताकि वह अपना जीवन बदल सके और दूसरों के लिए कुछ कर सके।