व्यापार करने से पहले जान लें चाणक्य नीति, कभी असफल नहीं होंगे 

शोध करना-     चाणक्य कहते हैं कि कोई भी व्यवसाय शुरू करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से रिसर्च कर लें।  

कितना निवेश करना है, मौजूदा प्रतिस्पर्धियों का ज्ञान, हानि कवर की रणनीति आदि। 

अधूरी जानकारी के साथ व्यवसाय शुरू करने में, लाभ तो दूर, आपको हमेशा नुकसान का सामना करना पड़ सकता है

अक्सर कई व्यवसायी अपने प्रतिद्वंदी को देखकर अपनी नीतियों में बदलाव करने की सोचते हैं। 

जो एक तरह से सही भी है, लेकिन इसे लागू करने से पहले पूरी तरह से मार्केट रिसर्च कर लें।  

नई नीति से कितना फायदा होगा, कितना नुकसान होगा, जनता की नजरों में बाकियों की तुलना में आप अपनी अलग छवि कैसे बना पाएंगे.  

इन सब बातों का ज्ञान व्यक्ति को व्यापार में होने वाले नुकसान से बचाता है। 

अनुशासन  चाणक्य नीति का कहना है कि सफलता की ओर पहला कदम कड़ी मेहनत और अनुशासन है।  

परिश्रम का फल अनुशासन से ही मिलता है।  काम के प्रति ईमानदार रहें।  साथ  काम करने वाले साथियों में खुद के अलावा अनुशासन की भावना का होना भी जरूरी  है 

क्योंकि बिजनेस में सफलता अकेले नहीं मिलती, अनुशासित रहने के लिए पूरी टीम और सभी का सहयोग जरूरी है। 

आवाज़  यदि केवल उन्हीं लोगों को व्यापार में उन्नति प्राप्त होती है तो कुशल व्यवहार के साथ एक अच्छे वक्ता बनें। 

वाणी में जितनी मधुरता होगी, व्यापार उतना ही फलता-फूलता रहेगा।  कड़ी मेहनत के साथ-साथ वाक्पटुता सफलता की कुंजी है 

वाणी आपके काम को बना या बिगाड़ सकती है। 

वहीं कुशल व्यवसायी को अपने संबंधों को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए।  वाणी से संबंध खराब हो सकते हैं इसलिए वाणी पर संयम रखें। 

जोखिम उठाने का साहस   ऐसा कोई व्यवसाय नहीं है जहां जोखिम न हो, व्यापार में नुकसान से कभी न डरें।   

ऐसे समय में कई नकारात्मक विचार उठेंगे, उन्हें अपने ऊपर हावी न होने दें।  

अपने आप पर विश्वास करें और पूरे समर्पण के साथ घाटे को मुनाफे में बदलने की रणनीति बनाएं।