ये चीजें हैं बेहद कीमती, इसे हमेशा अपने पास रखें,चाणक्य नीति
पानी और भोजन
अर्थात् जल, अन्न और मधुर वचन पृथ्वी के सभी रत्नों में सबसे अनमोल रत्न हैं।
इनके आगे हीरा, मोती, पन्ना और सोना पत्थरों के समान हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि पृथ्वी में पानी की मात्रा सबसे अधिक है लेकिन पीने योग्य पानी बहुत कम है।
जल के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। इसी प्रकार भोजन भी मानव पोषण के लिए आवश्यक है।
मधुर शब्द
यदि कोई व्यक्ति अपने शत्रुओं को मीठे वचनों से जीतना चाहता है तो वह उन्हें अपना मित्र बना सकता है।
चाणक्य कहते हैं कि तब भी मनुष्य इन रत्नों को छोड़कर पत्थरों के पीछे भागता है। उनका पूरा जीवन दुखों से भरा है।
गायत्री मंत्र
आचार्य चाणक्य ने गायत्री मंत्र को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र बताया है। गायत्री माता को वेदमाता कहा जाता है
इन्हीं से चारों वेदों की उत्पत्ति हुई है। इस दुनिया में दान से बड़ा कुछ नहीं है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार अन्न और जल का दान इस पृथ्वी पर सबसे बड़ा दान है।