पति-पत्नी को कभी नहीं करना चाहिए ये तीन काम,चाणक्य नीति 

भरोसा  चाणक्य ने बताया है कि यदि आप प्रेम संबंध में बंधे हैं तो आपको एक-दूसरे पर भरोसा रखना चाहिए। 

कहते हैं कि जिस रिश्ते में भरोसा होता है वो रिश्ता जिंदगी में जो भी चुनौतियां आती हैं उसे जीतने में कामयाब हो जाता है। 

सौम्य चाणक्य ने बताया है कि प्रेम संबंधों में अहंकार को कभी भी स्थान नहीं देना  चाहिए, ऐसा करने से रिश्ते में खटास आने की संभावना रहती है और 

कुछ दिनों बाद खटास की महक आने लगती है और रिश्ता टूट जाता है, इसलिए प्रेम संबंधों में विनम्रता जरूरी है.

अस्वार्थ प्रेम-प्रेम सरलता से हो तो अच्छा लगता है।  किसी भी तरह के ढोंग या स्वार्थ के बारे में सोचने से बचें। 

रिश्तों में निस्वार्थ होना जरूरी है।  ताकि प्यार निस्वार्थ रहे प्यार ही सच्चा प्यार है।

स्वाधीनता  स्वाधीनता किसी भी रिश्ते में ज़रूरी होती है, क्योंकि जिन रिश्तों में आज़ादी नहीं होती वो कुछ समय बाद टूटने की कगार पर पहुँच जाते हैं।

स्वसम्मान हर व्यक्ति को किसी दूसरे के स्वसम्मान को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए, क्योंकि 

इससे जहां एक-दूसरे के प्रति सम्मान और सम्मान कम होता है, वहीं रिश्ता भी कमजोर होने लगता है। 

एक दूसरे के स्वाभिमान की रक्षा करना जरूरी है। 

कुवाच्य   ऐसा पति या पत्नी जो हमेशा क्रोधित रहता है या अपशब्दों का प्रयोग करता है और 

परिवार का माहौल खराब करता है, ऐसे लोगों को त्यागना उचित है। 

रोष  पति-पत्नी के बीच गुस्सैल स्वभाव है तो परिवार में अशांति रहेगी, रिश्तों के बीच क्रोध न आने दें.  

गुस्से में खुद पर काबू पाना मुश्किल होता है और आप बुरे से बुरा भी बोल सकते हैं।

गूढ़ता  दाम्पत्य जीवन में सुख के लिए यह आवश्यक है कि पति-पत्नी के बीच की बातें  गोपनीय हों, यानी एक-दूसरे को बताई गई बातें एक-दूसरे तक बनी रहें। 

किसी तीसरे व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं होना चाहिए।  एक-दूसरे की अच्छी बातों की चर्चा करने वाले जोड़े हमेशा खुश रहते हैं।