इन 4 गलतियों तोड़ देते है सात फेरे का बंधन, परिणाम आता है divorce
गुस्सा
आचार्य चाणक्य के अनुसार गुस्सा किसी भी रिश्ते को इतना कमजोर बना सकता है कि उसके बचने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
दाम्पत्य जीवन में पति या पत्नी को हमेशा अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए।
गुस्से में लिया गया फैसला बाद में पछताता है। इसलिए क्रोध करने के बजाय सोच समझकर व्यवहार करना चाहिए।
असत्य
चाणक्य नीति का कहना है कि पति-पत्नी के रिश्ते में झूठ की कोई गुंजाइश नहीं होती।
रिश्ते में एक बार झूठ फंसने के बाद रिश्ता कमजोर होने लगता है। इसलिए झूठ से दूरी बनाकर रखना ही बेहतर है।
पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति समर्पित रहना चाहिए।
प्रतिस्पर्धा
चाणक्य नीति के अनुसार वैवाहिक जीवन में यह व्यवहार एक बड़ी भूल के समान है।
पति-पत्नी को हमेशा एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करना चाहिए। ऐसा करने से रिश्ते में मधुरता बनी रहती है।
विश्वासघात
आचार्य चाणक्य के अनुसार वैवाहिक जीवन में धोखा जहर के समान है। सिर्फ पति-पत्नी ही नहीं, किसी भी रिश्ते में धोखा नहीं होना चाहिए।
अगर पति-पत्नी अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहते हैं, तो जीवन में कभी भी एक-दूसरे को धोखा न दें।