इसे सीखने में कभी न करे संको,वरना बाद में पछताना पड़ेगा
चाणक्य का कहना है कि महिला हो या पुरुष, याद रखें कि बिना नियम और अनुशासन के कुछ भी हासिल नहीं होता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीवन में यह जरूरी नहीं है कि आप कुछ हासिल करने के लिए एक नया अनुभव लें,
जब आपसे कहा जाए कि वही अनुभव किसी और ने लिया है और गड्ढे में गिर गया है।
बुद्धिमान वह है जो दूसरों के अनुभव से सीखे और आगे बढ़े।
बीती यादों में जीना नुकसान
चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान और बुद्धिमान वे हैं जो वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करते हैं और अतीत में नहीं फंसते हैं।
आप केवल पुरानी चीजों से ही सीख सकते हैं लेकिन हमेशा पुरानी यादों में रहना बुद्धिमानी नहीं है। खासकर तब जब ये यादें बुरी हों।
जो लोग खुद के साथ प्रयोग करते हैं और पुरानी यादों में जीते हैं वे जीवन में कोई मुकाम हासिल नहीं कर पाते और पीछे छूट जाते हैं।
उदाहरण के लिए, लोगों को अक्सर व्यापार में चोट लगती है।
ऐसे में हार पर पछताने के बजाय वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करने और पुराने नुकसान का शोक न करने से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है।