कभी भी किसी को न चलने दें इस बात का पता, वरना मुसीबत में फंस जाएंगे आप
आपको आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही थोड़े कठोर लगे हों, लेकिन यही कठोरता जीवन की सच्चाई है।
जीवन की भागदौड़ में आप भले ही इन विचारों को नज़रअंदाज कर दें, लेकिन ये शब्द जीवन की
हर परीक्षा में आपकी मदद करेंगे। आज हम आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से एक का विश्लेषण करेंगे।
आज के ध्यान में आचार्य चाणक्य ने कहा है कि आप अपने अंदर कितना भी बिखर जाएं, इसके बारे में आपको किसी को नहीं बताना चाहिए।
आचार्य चाणक्य ने अपने इस बयान में कहा है कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो किसी को उनके बारे में पता चलने
पर आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन चीजों में से एक में आपका भीतर से विघटन शामिल है।
इंसान की जिंदगी में अक्सर ऐसा होता है कि वो अंदर से इतना टूट जाता है कि उसकी आंखों से आंसू
बह जाते हैं। जिसका अंदाजा वही लगा सकता है जो इतने कठिन समय और परिस्थिति से गुजर रहा हो।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अंदर से टूटा हुआ है, तो कोशिश करें कि दूसरे व्यक्ति को इसके बारे में न बताएं, क्योंकि
बहुत कम लोग हैं जो वास्तव में आपकी समस्या को समझ सकते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं