ऐसी महिला शादी के बाद अपने पति के जीवन में दिवाली करती है।
चाणक्य नीति में बताया गया है कि शादी से पहले जीवनसाथी का चुनाव करते समय पुरुष के लिए अपने शरीर से ज्यादा गुणों को देखना जरूरी है।
समझदार पुरुष को सुन्दर स्त्री के पीछे नहीं भागना चाहिए, यदि पत्नी सदाचारी हो तो वह विपत्ति के समय भी परिवार की देखभाल करती है।
चाणक्य नीति के अनुसार धर्म कर्म को मानने वाला व्यक्ति सीमित होता है,
इसलिए विवाह से पहले यह जान लेना चाहिए कि धर्म कर्म को लेकर एक महिला की कितनी आस्था और आस्था है
जिस तरह से एक धार्मिक महिला परिवार को बचा सकती है, एक अधार्मिक महिला नहीं कर सकती।
चाणक्य नीति में बताया गया है कि गुस्सा किसी भी रिश्ते के लिए सबसे खतरनाक होता है।
अगर महिला गुस्से में है तो वह परिवार को तोड़ सकती है।
जिस घर की स्त्री बहुत क्रोधित हो जाती है वह घर कभी भी परिवार को सुख नहीं दे सकता।
आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जो स्त्री अपनी मर्जी से शादी नहीं कर रही है उससे कभी शादी न करें,
ऐसी महिला आपको कभी खुश नहीं रखेगी और सम्मान नहीं देगी।