किडनी ट्रांसप्लांट,किडनी का रखें ख्याल, इलाज बहुत महंगा है
किडनी हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है। यह रक्त को फिल्टर करता है और खराब सामग्री को मूत्राशय में भेजता है,
जहां यह मूत्र में उत्सर्जित होता है। गुर्दे की विफलता के कारण, विषाक्त पदार्थों को रक्त में फ़िल्टर नहीं किया जा सकता है
और शरीर घातक बीमारियों का घर बन जाता है। दुनिया भर में लाखों लोग किडनी से जुड़ी कई तरह की बीमारियों के साथ जी रहे हैं।
किडनी फेल होने के कई कारण होते हैं। आमतौर पर यह जीवनशैली की बीमारियों यानी मधुमेह,
उच्च रक्तचाप, उच्च रक्तचाप के कारण क्षतिग्रस्त हो जाता है।
लक्षणों की बात करें तो किडनी के मरीजों को भूख कम लगती है, क्योंकि उनका शरीर कचरे को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाता है।
गुर्दे की क्षति को रोकने के लिए समय-समय पर जांच आवश्यक है। जैसे ही बीमारी का पता चलेगा, इलाज में आसानी होगी।
क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) भारत में किडनी की सबसे आम बीमारी है।
क्रोनिक किडनी
क्रॉनिक किडनी डिजीज का सीधा सा मतलब है कि आपकी किडनी खराब हो गई है और खून को ठीक से फिल्टर नहीं कर पा रही है।
इसका पांच चरणों में इलाज किया जाता है। पहले चार चरणों की बात करें तो दवा के साथ मरीज का नियमित चेकअप भी किया जाता है।
साथ ही 2 से 3 महीने में एक बार ब्लड टेस्ट करवाना होता है।
यदि गुर्दे की विफलता मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसे कारणों से होती है, तो
उपचार अधिक समय तक चल सकता है। इसकी कीमत 10 से 20 हजार रुपये प्रति माह है।