Hello friends… आज हम Blogging और Blog SEO के बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्से Internal Linking के बारे में बात करेंगे। Internal Linking क्या है और External Linking कैसे करें? अगर आपको इसकी Strategy मालूम हो जाए तो निश्चित ही आप अपने Blog के Bounce Rate को कभी भी बढ़ने नहीं देंगे।
Blog बना लेने के बाद, उस Blog को Google Search Engine में Ranking बढ़ाने के लिए हमें हर पोस्ट को SEO Friendly बनाना होता है। इनमें से एक है पोस्ट में Internal Linking करना। लेकिन ज्यादातर नए Bloggers ये नहीं समझ पाते कि वो Internal Linking कैसे करें? मगर ये पोस्ट पढ़ने के बाद आपका Confusion दूर हो जाएगा। Internal Linking कैसे करते हैं समझने से पहले आपको ये समझना होगा कि Internal Linking क्या होता है?
Internal Linking क्या है?
Internal Linking क्या है? आसान शब्दों में कहें तो जो हम अपने पोस्ट में, अपने ही Blog के दूसरे Posts का Link जोड़ते हैं। उसे ही Internal Linking कहा जाता है।
मेरी इस पोस्ट में आप कई सारे Links देख रहे होंगे। और उनमें से सारे Links मेरे “Hindi Me Seekhe” Blog का ही है। तो यही मेरे इस पोस्ट के Internal Links हैं।
Blog में कई सारे Widgets जोड़ रखे हैं। जैसे – Popular Posts, Archive Posts, Categories, इन सब में भी हमारे Blog के Links जुड़े रहते हैं तो ये भी Internal Links कहलाते हैं।
External Linking क्या है?
Internal Linking में तो आप अपने पोस्ट में, अपने ही Blog के दूसरे Posts के URL (Link) जोड़ते हैं। लेकिन किसी दूसरे Blog के Post Link को अपने Blog Post में जोड़ना External Linking कहलाता है।
जैसे कि अगर हम किसी दूसरे Blog के Post का Link अपनी इस पोस्ट में जोड़ेंगे तो वो External Link कहलाएगी।
Internal v/s External Linking
Internal Linking और External Linking के बारे में जानकर आपको Confusion तो हो रहा होगा कि दोनों में से ज्यादा Useful कौन है। तो हम ये भी Clear कर देते हैं।
Internal Link जोड़ने के फायदे
Internal Linking के फायदे बहुत सारे हैं:
- आपके Blog की Bounce Rate घटती है। इसका मतलब यह है कि आपके Blog में Visitors आते हैं तो ज्यादा देर तक रुकते हैं।
- Post Indexing में Help मिलती है।
- Bounce Rate कम होने की वजह से Post Ranking High रहती है।
- Post Ranking Improve होती है।
- Post Views Increase होती है।
- Blog Traffic बढ़ाने में मदद करती है।
- User Friendly होती है। हर User को उसके काम की Posts, एक ही पोस्ट में मिल जाती हैं।
External Link जोड़ने के फायदे
External Linking को बहुत सारे Bloggers बहुत हल्के में लेते हैं। क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है इससे उनका कोई फायदा नहीं। लेकिन ऐसा नहीं है। External Linking से होने वाले फायदे को आप इस तरह से समझने की कोशिश कीजिए।
मान जाइए आप जूतों के बहुत बड़े शौकीन हैं और आप अच्छी दुकान पर जाकर जूते खरीद चुके हैं। लेकिन उसी समय दुकानदार ने आपको यह बता दिया कि फलां दुकान में जूते 50% की छूट में मिल रहे हैं। तो क्या आपको खुशी नहीं होगी? जरूर होगी, क्योंकि उस दुकानदार ने आपका फायदा कराया है।
तो यही चीज Google भी देखता है कि आप अपने User के लिए लिखते हैं या खुद के लिए लिखते हैं। अगर आपके Blog में External Links Add हैं, तो Google यह समझता है कि आप अपने Users को फायदा दिला रहे हैं और Users आपके Blog से खुश हैं। तो यह बात आपके Blog Ranking को Improve करती है। अब हम असल मुद्दे पर आएंगे और यह बताएंगे कि Internal Linking कैसे करें।
Internal Linking कैसे करें
Internal Linking की वजह से होने वाले फायदे सिर्फ तभी हो सकते हैं, जब आप सही तरीके से Internal Linking करें। ज्यादातर नए Bloggers यहां पर Confusion का शिकार हो जाते हैं कि Internal Linking कैसे करूं? तो हम आपको कुछ Tips दे रहे हैं, जिससे आपको Internal Links जोड़ने में Confusion नहीं होगा।
Topic Related Links जोड़ें
आपके दिए हुए Links पर क्लिक तभी किया जाएगा, जब वो Link, आपके लिखे हुए पोस्ट से Related होगा। उदाहरण के लिए अगर कोई व्यक्ति यह पढ़ने आया कि Website कैसे बनाएं? तो जाहिर सी बात है कि उस पोस्ट में Domain, Hosting, SEO और Earning की बात जरूर लिखी गई होगी। तो अगर ऐसे पोस्ट में Domain क्या है वाली Link होगी, तो Domain के बारे में जानने के लिए User जरूर उस पर क्लिक करेगा और पढ़ेगा।
आप जिस Topic पर लिख रहे हैं, उसी Category के दूसरे Posts के Links भी जोड़ सकते हैं। इससे Users को थोड़ी ज्यादा जानकारी मिलने में मदद मिलती है। जैसे मेरी यह पोस्ट Blogging और SEO Related है, तो हमने इसमें Blogging और SEO से Related Posts के Links Add किए हैं।
Unrelated Topic Links
कई बार ऐसा होता है कि किसी Topic पर आप पहली बार पोस्ट लिख रहे हैं। तो आपके पास उस Topic से Related कोई दूसरी पोस्ट नहीं होगी। ऐसे में आपको पोस्ट के पास वाले जो Topic होते हैं। जैसे कोई Website कैसे बनाएं Topic पढ़ रहा है, तो जाहिर सी बात है कि वह Phone या Computer में ही पोस्ट पढ़ रहा है। तो उनके लिए जरूर Phone या Computer से Related कोई न कोई पोस्ट Useful होगी। तो इसी बात को समझते हुए Links जोड़ें।
Good Anchor Text का उपयोग करें
Anchor Text उन Texts को कहते हैं जिनमें Links लगाए हुए हैं। तो अच्छे Anchor Text आपके User को उस पर क्लिक करने पर मजबूर करता है और क्लिक करके देखते भी हैं।
लेकिन कभी भी Anchor Text के कारण Misleading नहीं होना चाहिए। जैसे Link किसी और विषय पर हो और Anchor Text में कुछ और लिखा हो। यह नहीं होना चाहिए।
Useless Link ना जोड़ें
कई बार बस पोस्ट Ranking बढ़ाने के लिए हम बिना मतलब के भी Links जोड़ देते हैं। तो ऐसा नहीं होना चाहिए। इससे Users परेशान भी होते हैं।
हमने पूरी कोशिश की है यह समझाने की, कि Internal Linking क्या है और Internal Linking कैसे करें। अब आपका Confusion दूर हो जाना चाहिए। लेकिन फिर भी Confusion बाकी रह गया है तो आप Comment करके पूछ सकते हैं।
Waah aapne aaj ke is article me internal linking ke baare me bahut hi details ke saath saari jankari ko share koye. Jo ki blogger ke liye bahut hi helpful saabit hoga.
Bahut khub aap esi tarah se log ke help kijiye. kyoki aapke post bahut hi clear post likhi hai.
1000 word k content mai kitni bar internal linking karni chahiye?
Ye aapke content par depend karta hai Ki apke blog me content se related, kitni posts hai. Agar aap apne post me related link de rahe hain. To aap jitni marji, utna de sakte hain. Bas itna dhyan rakhe ki linking anchor text sahi ho aur vo thuse hue na ho.
Kahne ka matlab hai ki sirf internal linking karne ke liye bullet list (unordered list) ka use karte hain. Jo unrelated interlinking ke liye sahi hai. Lekin jab aap related linking kar rahe hain. To apko paragraphs me hi karna chahiye.
Ye bhi dhyan dijiye ki do Internalinking ka anchor text same to same na ho. Anchor text in text ko kahte hain. Jis par link lagate hain.
Nice article
हम अपने कॉम्पटीटर की बैकलिंक चेक करने के बाद वे बैंकलिंक कहा मिली है कैसे चेक करे।
SEO Tools ka istemal karo uske jariye aap dekh sakte ho ki samne wale ne kosi URL se backlink li hai or kis Keyword pe liyi hai
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aap ke is artical se mujhe bhut help hui hai
internal link kese use kre?